Tuesday, June 30, 2009

न डूबे!!


देख! तेरे आंसूओं से कहीं किनारा न डूबे
नम से ख्वाबों में रात का कोई तारा न डूबे !!
मुझे ख़बर है कईं रोज से तुम सोये नही हो
थक गए हो इतने कि कई रोज से रोये भी नही हो
भर गया है किसी हद तक तेरे मन का समन्दर
याद रखना!कहीं इसमें तेरा कोई प्यारा न डूबे !!
चाँद भी देख रहा है सब कुछ बादलों की ओट से
रात सिहर रही है टूटे ख्वाबों की चोट से
चांदनी झिलमिला रही है फिर भी तुझ में
देख!तेरे दिल को रोशन करता ये नजारा न डूबे !!
मुझे अपना समझ,दिल की दिल से बात होने दे
मुझे तन्हा न कर,बस अपने साथ होने दे
बना ले मेरे दिल को अपनी कश्ती
ये प्यार तेरा मेरा फिर दोबारा न डूबे!!
समेट लेने दे आंसूओं को पलकों की कोर से
भरोसा कर, न होगी कोई गलती मेरी ओर से
देख सकता नही जिंदगी को यूं छलकता
है कोशिश यही कोई ख्वाहिश बेसहारा न डूबे!!

16 comments:

ओम आर्य said...

सच्ची चाहत रहेगी तो प्यार नही डुबेगा ..................सिर्फ प्यार ही प्यार रहेगा.....बहुत सुन्दर

शारदा अरोरा said...

बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति

Admin said...

वाह क्या बात है..

विनोद कुमार पांडेय said...

क्या कहूँ इन पंक्तियों के बारे मे,
कितना भाव भरा आपने काव्यात्मक इशारे मे,
इसलिए बस चार शब्दों मे कहता हूँ,
बेमिशाल कविता लिखा है आपने.

सर्वत एम० said...

haan n duube

सदा said...

भरोसा कर, न होगी कोई गलती मेरी ओर से
देख सकता नही जिंदगी को यूं छलकता
है कोशिश यही कोई ख्वाहिश बेसहारा न डूबे!!

बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति

भंगार said...

bahut achai soch pyar to esai dhar hai jaise ret muthi mey

नीरज गोस्वामी said...

बना ले मेरे दिल को अपनी कश्ती
ये प्यार तेरा मेरा फिर दोबारा न डूबे!
सुन्दर शब्द और अनूठे भाव...लिखते रहिये...
नीरज

अनिल कान्त said...

बेहद खूबसूरत और बेहतरीन रचना

M VERMA said...

है कोशिश यही कोई ख्वाहिश बेसहारा न डूबे!!

सार्थक कोशिश --- सार्थक रचना --- सार्थक अभिव्यक्ति

Vinay said...

बहुत सुन्दरता से मन के भाव स्पष्ट किये हैं

विजय पाटनी said...

bahut hi accha likhte hai aap :)

speck said...

aapki mann bahut sundar hai

speck said...

Your Emotions and feelings are very sensible......and you choose a picture its very perfect match with every blog

great...really great

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बना ले मेरे दिल को अपनी कश्ती
ये प्यार तेरा मेरा फिर दोबारा न डूबे!!

बहुत सुन्दर,

amar said...

poem & painting !!!
both are captivating :)