When emotions overflow... some rhythmic sound echo the mind... and an urge rises to give wings to my rhythm.. a poem is born, my rhythm of words...
Tuesday, November 18, 2008
नसीहत !
ये रिश्ता जो बुन रहे हो
इसको न उलझने देना
कभी अपनी तन्हाई को
हो सके तो सुलझने देना !!
तुम खो न जाना
दुनिया के शोर में
जिंदगी के साज़ को
दिल की आवाज पर बजने देना !!
ये सन्नाटे भी है अपने
पर न खामोश हो जाना
किसी महफिल में लफ्जों को भी सजने देना !!
ये दिल कितना ही हो ग़मज़दा
फिर भी कर लेना एक खता
किसी खुशी को अपने गम पे हँसने देना !!
कर हासिल कुछ होने में
ख़ुद को पाने में या खोने में
चाहे कर इश्क और हो जा एक
पर ख़ुद को ख़ुद में न सिमटने देना !!
दे होसले को अपने जिंदगी
बना ले उम्मीद को बंदगी
पर एक बार समय की धरा पर
ख़्वाबों को अपने बसने देना !!
जो बह जाए तो बस पानी
कुछ कह जाए तो कहानी
कि हर एक कतरे को
आंखों में यूं ही न चुभने देना !!
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1 comment:
great ..!!
नसीहत ... vakai acchi hai !!!
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