When emotions overflow... some rhythmic sound echo the mind... and an urge rises to give wings to my rhythm.. a poem is born, my rhythm of words...
Wednesday, November 19, 2008
उड़ान!!!
काट न दे कहीं कोई तेरी सोच के पर
लिख दे सब कुछ खामोशी पे,खो न जाए ये अवसर !
वो बीता हुआ लम्हा,हर लफ्ज़ जीता हुआ लम्हा
आज नजदीक है तेरे,जरा ले उसकी भी ख़बर !
वो तेरी सोच के मोती,जिंदगी पहन खुश होती
ऐसे मंज़र की खूबसूरती पे है लोगो की नज़र !
वो तन्हाई के किस्से,लेकर अपने अपने हिस्से
हर लम्हा चल दिया है वक्त के घर !
वहां महफिल लगे शायद ख़्वाबों की
कर जाए कोई लम्हा,सब पर असर !
बात पहुंचे किसी ख्वाब तक भी बहुत
बात बस रह न जाए एक बात भर !
आजमा ले जरा अपने एहसास को
सोच की उड़ान में न रह जाए कोई कसर !!
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