रास्ता दे ,एक वजह दे
जो बस तेरे लिए जी जाऊं !!
कोई दर्द न दे मुझे
कमज़र्फ़ न दे मुझे
कि हर मुश्किल सिए जाऊं !!
कोई सोच दे
जो फलक तक ले जाये
कोई जिक्र दे
जो खुद तलक ले जाये
और मैं इश्क़ बस
खुद से ही किए जाऊं !!
कुछ लफ्ज़ दे
दिल बनाने के लिए
ख़ामोशी भी
खुद को पाने के लिए
दो कोर मुफलिसी के
भी जिए जाऊं !!
15 comments:
Beautiful!!!
zindagi ko itne pyar se pukaroge to vo khud b khud chali aayegi hi
aur aapki kalam to hai hi aisi
kaise soch pati ho aap itna
samjh nhi aata :)
too gud mam
aniket
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "जीवन के यक्ष प्रश्न - ब्लॉग बुलेटिन“ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
वजहें बिखरी होती हैं आस पास ... जिंदगी मौके भी देती है ... कई बार हम ही नासमझ रह जाते हैं ...
बहुत खूब रचना है ...
वाह ! बहुत अच्छी है ये डियर जिंदगी ।
@you....be in your limits.. No need to comment again..
It's not a address book... Understand!!!
parul....kya kehoon kya likha hai
straight from the heart
vartika
सुन्दर भाव ।
बहुत सुन्दर
http://savanxxx.blogspot.in
बहुत खूब
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