Monday, October 10, 2011

एक ख़ामोशी!


एक अनसुनी सी ख़ामोशी
अल्फाजों में लिपट गयी
मैं गीत सा बनता गया
यूँ मुझ में वो सिमट गयी!
मैं गूंजता गया यूँ भी
दिलों के ज़र्रे ज़र्रे में
मेरी जिंदगी बिखर गयी
लफ्ज़ लफ्ज़, फर्रे में
बाकी वो दिल की हूक भी
दर्द में ही कट गयी!
दर-दर फिरा हूँ मैं
जिंदगी के ख़त लिये
और गाता रहा हूँ
वक़्त की रहमत लिये
आज ये आवाज मेरी
कई दिलों में बंट गयी!
कोरा होना मेरा
जितना संगीन था
लफ़्ज़ों के शोर में
दिल बहुत रंगीन था
उन्ही रंगों से आज
रूह मेरी छंट गयी!

47 comments:

Kanupriya said...

पारुल दी,

जितने खूबसूरत ये अल्फाज़ हैं, उनसे भी खूबसूरत उसके पीछे के जज़्बात!

~ कनुप्रिया

http://gulzar101.blogspot.com

Khushdeep Sehgal said...

जग को जीत कहां तुम चले गए...

जय हिंद...

Ashish said...

Bahut acchhii hai Parul :)

केवल राम said...

कोरा होना मेरा
जितना संगीन था
लफ़्ज़ों के शोर में
दिल बहुत रंगीन था
उन्ही रंगों से आज
रूह मेरी छंट गयी!

बहुत गहरे अर्थ संप्रेषित हुए हैं आपकी इन पंक्तियों में ......बहुत सुन्देता से अपने हर भाव को अभिव्यक्त किया है ....जगजीत जी को भावभीनी श्रद्धांजलि .....!

Unknown said...

कुछ लोग अपना काम ख़ामोशी से करते हैं ...और एक दिन कूच कर जाते है......

प्रवीण पाण्डेय said...

कहाँ तुम चले गये।

sonal said...

really will miss him :-(

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत अच्छा लिखा है पारुल जी आपने।
----
कल 12/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

vandana gupta said...

खामोशी भी तो बहुत कुछ कह देती है……।

M VERMA said...

बेहतरीन अभिव्यक्ति
श्रद्धांजलि उस जादूगर को

wordy said...

speechless!

Anonymous said...

ultimate!

Anonymous said...

u r so talented...hats off!!

जयकृष्ण राय तुषार said...

जगजीतसिंह जैसे गायक दशकों बाद किसी देश को ,संगीत को ,साज को आवाज को मिलते हैं |संगीत के साथ इस देश ने एक अलबेले गायक को खो दिया |आपकी कविता बहुत ही सुंदर भावनात्मक श्रधांजलि है |आपको मेरा नमन

जयकृष्ण राय तुषार said...

जगजीतसिंह जैसे गायक दशकों बाद किसी देश को ,संगीत को ,साज को आवाज को मिलते हैं |संगीत के साथ इस देश ने एक अलबेले गायक को खो दिया |आपकी कविता बहुत ही सुंदर भावनात्मक श्रधांजलि है |आपको मेरा नमन

जयकृष्ण राय तुषार said...

पारुल जी सुन्दर भावनात्मक श्रधान्जली |आपने बहुत ही सुंदर शब्दों से इस लोकप्रिय गायक को याद किया है |आपकी लेखनी को सलाम \

जयकृष्ण राय तुषार said...

पारुल जी सुन्दर भावनात्मक श्रधान्जली |आपने बहुत ही सुंदर शब्दों से इस लोकप्रिय गायक को याद किया है |आपकी लेखनी को सलाम \

Anonymous said...

मेरे पसंदीदा गायकों में से एक जगजीत साहब....उन्होंने जो गाया वो अमर कर दिया...मेरी श्रद्धांजलि उनको| और खूबसूरत अल्फाजों में आपने अपनी बात कही है |

सुन्दर भावों को दर्शाती एक सुन्दर पोस्ट|

मेरा मन पंछी सा said...

bahut hi sundar or bhavpurn rachana hai apki..

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" said...

bahut hi shaandaar bhavon se sur samarat ko binam shrdhanjali..behtarin..sadar badhayee aaur amantran ke sath

डॉ. जेन्नी शबनम said...

sundar abhivyakti, badhai.

Asha Lata Saxena said...

बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति |
आशा

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सच्ची श्रद्धांजली...

सादर...

ghughutibasuti said...

जगजीत सिंह को यद् करने के लिए इससे बेहतर क्या कहा जा सकता है!
घुघूतीबासूती

कविता रावत said...

bahut badiya shrdhanjali..
sach mein unke geet sadiyon gunjte rahenge...

Amrita Tanmay said...

अतिसुन्दर...विनम्र श्रद्धांजलि

Chinmayee said...

बहुत ही सुन्दर पारुलदी !

deepakkibaten said...

अति सुंदर।

Onkar said...

Jagjitji ko bahut sundar shraddhanjali

Anonymous said...

vl miss him a lot

दिगम्बर नासवा said...

जगजीत जी के साथ एक युग चला गया ...
आपके जज्बातों को सलाम ...

अबयज़ ख़ान said...

तुम जैसे गए, ऐसे भी तो जाता नहीं कोई... बहुत खूबसूरत अल्फाज हैं..

अमिताभ श्रीवास्तव said...

हां, उसकी आवाज़ रूह को अब भी सहलाती है...। क्या कहा जाये..यह भी तो नहीं कि आपके शब्दों में पिरोई गई खामोशी अच्छी है। बस फनकार के लिये लिखी गई, उसीकी तरह की अभिव्यक्ति....

'साहिल' said...

दर्द में ही कट गयी!
दर-दर फिरा हूँ मैं
जिंदगी के ख़त लिये
और गाता रहा हूँ

बहुत खूब!

AMIT said...

di ..tu to kamaal hai re!

प्रेम सरोवर said...

आपका पोस्ट अच्छा लगा । मेर नए पोस्ट "अपनी पीढ़ी को शब्द देना मामूली बात नही है " पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

kumar zahid said...

behtar andaz

S.N SHUKLA said...

सुन्दर प्रस्तुति, सुन्दर भाव , बधाई.

दिगम्बर नासवा said...

कहाँ खो गयीं है आप ... बहुत दिनों से आपका लिखा कुछ पढ़ा नहीं ...

kumar zahid said...

Parul Saahib!
Pyara aur regarding tribute to Jagjit sing ji...Congra.

Rakesh Kumar said...

सुन्दर भावभीनी प्रस्तुति.

नववर्ष की आपको बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.

समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,पारुल जी.

vidya said...

very nice poem...
and excellent blog...the whole of it.

Apanatva said...

ati sunder bhavo aur shavdo la taal mel...

Anonymous said...

nice and beautiful :)

Disha said...

ye apne likha hai....bahut sunder wakai.......

Disha said...

waah.... bahut hi sunder shabd

disha said...

waah...bahut hi sunder shabd..