When emotions overflow... some rhythmic sound echo the mind... and an urge rises to give wings to my rhythm.. a poem is born, my rhythm of words...
Friday, December 19, 2008
पल!!
मुझे,तुझसे बिछडा हुआ, तेरा एक पल मिला
यूं लगा जैसे अचानक बीता हुआ कल मिला !!
बड़ा मायूस सा, उदास सा
एक लम्हा,जो था बस "काश" सा
जिसमें दिखा गया, मेरा अक्स मुझे
जैसे कोई मेरा ही हमशक्ल मिला !!
वो दोहरा था वही सब,जो मैं दोहराता था
मेरी तरह वो भी वापिस वहीं लौट आता था
जहाँ गुमनाम सी बैठी थी जिंदगी
और उस जिंदगी से वो भी बेदखल मिला !!
वो बुनता गया,मैं सुनता गया उसके फ़साने
कितने अपनेपन से मिले हम दो अनजाने
और न जाने क्या क्या लगे बनाने
एक संजीदा सा लम्हा,बड़ा चंचल मिला !!
दोनों ही नही भूले थे अभी उस प्रीत को
दोनों ने साथ गुनगुनाया उस "गीत" को
दोनों की खामोश सी तन्हाई को
प्रेम का ,लफ्जों में जो सम्बल मिला !!
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2 comments:
बेहतरीन कविता के लिए बधाई स्वीकारें !
बेहतरीन कविता..बधाई
par ward verification jarur hataye ji)
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