Sunday, October 16, 2016

'कनानी :)





एक अरसा हुआ तुमको सोचे हुए
ज़िन्दगी अनकही सी कहानी बनी
जो रखा हाथ अपनी तन्हाई पर
दिल की गहराइयाँ पानी पानी बनी !!
आज फिर तुम में जो ऐसे उलझी हूँ मैं
सच कहूं तो हाँ आज सुलझी हूँ मैं
छितरे बितरे से सपनों के चाँद पर
फिर तुम्हारी हंसी की निशानी बनी !!
रोज तुम से ही तो ऐसे कटती हूँ मैं
पलकों से तुम्हारी ही छटती हूँ मैं
आज खींची लकीरें जो तुमने नयी
यूँ लगा लोरियां कुछ सयानी बनी !!
कुछ सवालों के जवाब अब भी होते नहीं
ख्याल अक्सर अब भी तुम्हारे सोते नहीं
चुप करनी पड़ती है अब भी वो कहानियाँ
जो बेतरतीब सी,बेतरकीब सी 'कनानी ' बनी !!
  

15 comments:

Anonymous said...


very nice poetry mam
who is she
kanani means?





aniket

Parul kanani said...


thank you aniket
she is my daughter kanani
kanani means beautiful

sonal said...

tumne jo bhi racha wo khooobsurat hai, kavita ho ya kanani

Parul kanani said...


so nice of you sonal..thanky you :)

Unknown said...

Bahut sundar

wordy said...


arey bacchi badi ho gayi :) :)

wordy said...


pure feelings..as true as kanani herself
god bless you angel

Digvijay Agrawal said...

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 18 अक्टूबर 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

महेन्‍द्र वर्मा said...

कोमल भावों से युक्त सुंदर रचना ।

Unknown said...

Kanani.... What a lovely name :)

Unknown said...

Bahut depth rakhti ho tum
Iss liye har emotion true hota hai
Aur touch karta hai.. Amazing

दिगम्बर नासवा said...

बहुत ही सुंदर और कोमल प्रेम का एहसास लिए शब्द ... कनानी को अभी पूर्ण से सम्पूर्ण होना है ...

दिगम्बर नासवा said...

सुंदर एहसास ...

Onkar said...

सुन्दर रचना

Ashish said...

Sukhad aur komal :)

आज खींची लकीरें जो तुमने नयी
यूँ लगा लोरियां कुछ सयानी बनी !!

Kya baat hai

कुछ सवालों के जवाब अब भी होते नहीं
ख्याल अक्सर अब भी तुम्हारे सोते नहीं
चुप करनी पड़ती है अब भी वो कहानियाँ
जो बेतरतीब सी,बेतरकीब सी 'कनानी ' बनी !!

Bahut hi badhiya.. yuhi likhti raho, badhti raho :)