Friday, December 19, 2008

कोई..


कोई रास्ता भी देगा
कोई घर में भी जगह देगा
पर क्या कोई मुझे
अपने दिल में भी पनहा देगा ?
कोई आसां भी करेगा मुश्किल
और कोई गलती की सजा भी देगा
पर क्या कोई जिंदगी के लिए
मुझे जीने की भी वजह देगा ?
कोई बुनेगा मेरे लिए तन्हाई
किसी की सहनी भी पड़ेगी रुसवाई
पर चंद लम्हों के लिए मुझे कोई
क्या मेरे अपने साए से मिला देगा ?
करनी भी होगी मुझे उसकी फिक्र
अक्सर होगा उसी का जिक्र
पर क्या मेरे अपने वजूद के लिए
कोई मुझे मेरा भी पता देगा?
हाँ,चलती ही जायेगी मेरी ये कलम
सवाल होंगे ज्यादा और जवाब शायद कम
और तो कोई नही,मेरा ही कोई एहसास
धीरे धीरे मुझको अब शायद बहुत रुला देगा !!
और तब शायद आ जाउंगी मैं ख़ुद के बहुत करीब
काम कर जाए शायद ऐसी कोई तरकीब
पर ये क्या,एक आंसू भी हुआ नही नसीब
क्या था मालूम,ये दर्द समन्दर सूखा देगा!!

2 comments:

विवेक सिंह said...

ये रही बेहतरीन वाली . शुभकामनाएं !

amar said...

surprised ...!!!
*** tin ting tiding ***
ye to kuch jaida hi sensible ho gai :)