एक अधूरी सी जिंदगी का
अधूरा सा पल
कह रहा है मुस्कुरा कर
चल, मेरे साथ चल !!
मैंने पूछा 'कहां'?
वो हंसकर बोला 'वहां'
जहाँ इस वक्त की कैद से
सारे लम्हे जा रहे है, निकल !!
अच्छा!वो कौन सी जगह है ?
आख़िर हो रहा ये क्या है ?
जो तुम भी रहे हो
आख़िर जाने को मचल !!
वो बोला 'तू है पगली'
बात है ये असली कि
संजो रहा है बीते वक्त को
वहां एक नया कल !!
कुछ नए रंग है जिंदगी के
कुछ नए लम्हे खुशी के
या कि कहो अधूरापन भरने को
है एक नई पहल !!
उम्मीद की नई सुबह
सुकून की रातों के साथ
ढलती सांझ के तले
जिंदगी की तस्वीर, रही है बदल !!
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लफ्ज़ वही हैं
ज़ज्बात वही हैं
अब भी वही रुपहले से ख्याल हैं
अब भी ताज़ा है
यादों का मंज़र
बस एक नए नज़रिए का सवाल है
9 comments:
ek dam mast, parul ji.
happy new year 2009
and 2010 also in advance.
पारुल जी बहुत सुन्देर भाव है नया साल मुबारक्
नये वर्ष की शुभकामनायें.
bahut hi sundar parulji. naye saal ka isase badiya swagat or kya ho sakta tha ek kalamkaar ke liye. badhai.
nayaa saal aapko nbahut bahut mubarak ho. naye saal main aap nayee unchaiyaan chhuyen, yahee kamna hai.
mere blog (meridayari.blogspot.com) par bhi visit karen.
Parul ji,
Naya sal apke jeevan men hajaron khusiyan le kar aye,is mangalkamna ke sath.
Poonam
Parul ji,
Nav Varsh apke liye hajaron sooraj kee roshanee ,lakhon foolon kee khushboo lekar aye is hardik mangalkamna ke sath.
Hemant Kumar
आईना देख के तुझको कहे, ऐ संवरने वाले ..
अब तो बेमौत मरेंगे तेरे मरने वाले ..
शायद आपने पहले सुना हो ... लेकिन आपको देख के बस यही ख्याल आया.
नया साल मुबारक़ हो आपको.
पारुल जी इतनी अच्छी कविता मैं देर से पढ़ सका |गाँव चला गया था |नया ज्ञानोदय जनवरी अंक ग़ज़ल महाविशेषांक है और भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित है मेरी भी चार ग़ज़लें है समय मिले तो अवलोकन करियेगा |आभार |
लफ्ज़ वही हैं
ज़ज्बात वही हैं
अब भी वही रुपहले से ख्याल हैं
अब भी ताज़ा है
यादों का मंज़र
बस एक नए नज़रिए का सवाल है ..
बहुत खूब ... सच है की नज़रिए की ही तलाश होती है ... जो यादों के झरोखे को हिला सके ...
नव वर्ष, लोहड़ी ओर मकर संक्रांति की बहुत बहुत शुभकामनाएं ...
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