Monday, December 1, 2008

दुआ !


मैं एक तन्हा सा
लम्हा पुराना
मुझे जीकर तू
नया सा कर दे !!
मैं मरा हुआ एक
ख्वाब पुराना
मुझे छूकर जिन्दा सा कर दे !!
मैं फिर रह हू मारा मारा
लेकर जिंदगी की किश्ती
न जाने कहाँ है साहिल
कि बच जाए मेरी हस्ती
हो सके तो दे दे मेरी
ख्वाहिशों को पर
और मुझे एक
परिंदा सा कर दे !!
किसके दिल पे दूं मैं दस्तक
कि कोई मेरा हो
ढूंढ़ता हू शायद
किसी सांझ के तले
दबा नया सवेरा हो
काश! लिख पाऊँ
अपनी धडकनों से तुझको
मेरा दिल तुझको
मेरे लिए खुदा सा कर दे !!
मैं उधेड़ रहा हू
कब से अपने
ख़्वाबों के धागे
कि शायद दर्द बनके तड़प
दिल में जागे
आँखें रोये और बनाये
इश्क का समन्दर
और मुझे बेहिसाब
प्यासा कर दे !!

1 comment:

Ashish said...

Bahut khoob... badhiyaa!!!!