जिंदगी कभी यूँ भी उदास कर देती है
हो जाती हूँ खुद से दूर, तेरे आस पास कर देती है !!
ख्वाहिशों की गिरफ्त में रफ्ता रफ्ता कट जाती हूँ
और वो तुझको मेरे लिए खास कर देती है!!
इश्क़ का एक यही सबब तो नया है
वो तुमको अक्सर मेरे लिए तलाश कर देती है !!
कलाम बनता नही अब कोई मेरे दिल का कोई
और वो मेरी दुआओं को भी प्यास कर देती है!!
हो सके तो एक रोज़ लौट आना तुम
आह भी अब तो, इंतज़ार को काश कर देती है !!
हो जाती हूँ खुद से दूर, तेरे आस पास कर देती है !!
ख्वाहिशों की गिरफ्त में रफ्ता रफ्ता कट जाती हूँ
और वो तुझको मेरे लिए खास कर देती है!!
इश्क़ का एक यही सबब तो नया है
वो तुमको अक्सर मेरे लिए तलाश कर देती है !!
कलाम बनता नही अब कोई मेरे दिल का कोई
और वो मेरी दुआओं को भी प्यास कर देती है!!
हो सके तो एक रोज़ लौट आना तुम
आह भी अब तो, इंतज़ार को काश कर देती है !!
ReplyDeleteDedicated to a pure soul... For me a divine soul... As I have a connection to God..Thank you!!!
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ReplyDeleteYe to kuch naya hai
ReplyDeleteKhamoshi... Anaam
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ReplyDelete@unknown
You should need to know your limitations
You will never know your limits until You Push Yourself To Them. .
ReplyDeleteSo pure feelings...
ReplyDeleteVartika
Waiting for the silent story
ReplyDeleteVartika!!
ReplyDelete@vartika...Definitely the best is yet to come... Aamin!!!!
You have to share such a wonderful post,, you can convert your text in book format
ReplyDeletepublish online book with Online Gatha
Waah..
ReplyDeleteAniket