Saturday, November 19, 2016

फिर....!!



चलो मुस्कुरा ले
समंदर चुरा ले!
फिर यूँ ही भीगे
किनारे छुपा ले !!
कुछ यूँ ही हंस ले
फिर खुद में बस ले !
इस से पहले
कि दिल कोई निकाले !!
जी भर के रो ले
खुद को यूँ खोले!
भरने लगे आँसूं भी
लफ़्ज़ों के प्याले !!
दो घूँट पी ले
इस तरह जी ले !
कोई नज़्म फिर
मुझको गले लगा ले!! 

 

 

11 comments:

  1. एहसास भरी नज़्म जिसमें प्रेम के अंकुर फूट रहे हैं ... बहुत लाजवाब ...

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  2. Har nazm pyar karti hai aapko!!

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  3. कोई नज़्म फिर
    मुझको गले लगा ले!!

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  4. I m a big fan of you
    You are awesome

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  5. Humne to har nazm ko gale laga rakha hai.. Itna pyar aapko aise hi nahi karte :)





    Vartika

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  6. बहुत बढि़या नज़्म है। बधाई।

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