रास्ता दे ,एक वजह दे
जो बस तेरे लिए जी जाऊं !!
कोई दर्द न दे मुझे
कमज़र्फ़ न दे मुझे
कि हर मुश्किल सिए जाऊं !!
कोई सोच दे
जो फलक तक ले जाये
कोई जिक्र दे
जो खुद तलक ले जाये
और मैं इश्क़ बस
खुद से ही किए जाऊं !!
कुछ लफ्ज़ दे
दिल बनाने के लिए
ख़ामोशी भी
खुद को पाने के लिए
दो कोर मुफलिसी के
भी जिए जाऊं !!
Beautiful!!!
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ReplyDeletezindagi ko itne pyar se pukaroge to vo khud b khud chali aayegi hi
aur aapki kalam to hai hi aisi
ReplyDeletekaise soch pati ho aap itna
samjh nhi aata :)
ReplyDeletetoo gud mam
aniket
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "जीवन के यक्ष प्रश्न - ब्लॉग बुलेटिन“ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteवजहें बिखरी होती हैं आस पास ... जिंदगी मौके भी देती है ... कई बार हम ही नासमझ रह जाते हैं ...
ReplyDeleteबहुत खूब रचना है ...
वाह ! बहुत अच्छी है ये डियर जिंदगी ।
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ReplyDelete@you....be in your limits.. No need to comment again..
ReplyDeleteIt's not a address book... Understand!!!
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ReplyDeleteparul....kya kehoon kya likha hai
straight from the heart
vartika
सुन्दर भाव ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeletehttp://savanxxx.blogspot.in
बहुत खूब
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