Thursday, September 8, 2016

ऐ दिल है मुश्किल !!


अपनी ख़ामोशी से
आकर,मेरी ख़ामोशी सिल
कहते नहीं बनता अब
ऐ दिल है मुश्किल !!
कोई आह रख दे अब
चुप्पी के कोने में
कतरे न हंस दे यूँ
इस दिल के रोने में
कैसे कहूं ये तुमसे
गम हो गया है बुज़दिल
कहते नहीं बनता अब
ऐ दिल है मुश्किल !!
चुभते हो तुम क्यूँ आखिर
दिल में एक टीस बनकर
रह जाओ न बरबस ही
अधूरी सी ख्वाहिश बनकर
मेरे इश्क़ का भी हो फिर
तुम सा ही कोई मुस्तकबिल
कहते नहीं बनता अब
ऐ दिल है मुश्किल !!
एक चाँद में रखूँ
एक चाँद तुम रखो
इस रात के लिफ़ाफ़े का
कोई नाम तुम रखो
हो जाये लफ्ज़ लफ्ज़ हम
एक दूसरे के काबिल
कहते नहीं बनता अब
ऐ दिल है मुश्किल !!

36 comments:


  1. aah!!!
    ek lambe antraal ke baad :)
    welcome back

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  2. rahi baat likhne ki
    welcome back lady gulzaar
    i m so happy :)
    its treat to read :)

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (09-09-2016) को "हिन्दी, हिन्द की आत्मा है" (चर्चा अंक-2460) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. पारुल जी,
    एक लम्बे अर्से के बाद आपके ब्लाग पर आया हूं।लेकिन आपकी रचनाएं पढ़ कर बहुत अच्छा लगा।मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ऽअप इसी तरह लिखती रहिये।
    डा0हेमन्त कुमार

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  5. पारुल जी,
    एक लम्बे अर्से के बाद आपके ब्लाग पर आया हूं।लेकिन आपकी रचनाएं पढ़ कर बहुत अच्छा लगा।मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ऽअप इसी तरह लिखती रहिये।
    डा0हेमन्त कुमार

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  6. hats off
    parul :)
    happy to see yu back





    vartika!!

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  7. WELCOME BACK Ladki
    aise hee likho .... behad khoobsurat

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  8. स्वागत - सुंदर लिखा है पारुल

    क्या हाल है?

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  9. Bahut achha...welcome back Parul

    Ajay chauhan

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  10. @ udan tashtri...main acchi hoon sir
    aap batayen :)

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  11. too gud parul
    its really amazing
    god bless you!!

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  12. definetly now yu r infinite
    gud job!!






    diya

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  13. सुन्दर प्रस्तुति

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  14. रात के लिफ़ाफ़े मं एक चाँद रखने की ख्वाहिश ... गज़ब की कल्पना और सुंदर उड़ान ... अच्छी रचना .....

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  15. क्या बात है , बहुत ही सुन्दर । आपका ब्लॉग कलेवर बहुत सुन्दर है जी

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  16. ख़ामोशी हाल-दिल बयां कर देता है
    बहुत सुन्दर रचना

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  17. ख़ामोशी हाल-दिल बयां कर देता है
    बहुत सुन्दर रचना

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  18. क्या बात! तक़रीबन दो साल की लम्बी ख़ामोशी... ऐ कलम थी मुश्किल ;)

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  19. एक चाँद तुम रख लो एक चाँद मैं और रात का लिफाफा ...गज़ब ही कल्पना है ।बहुत सुन्दर

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  20. your blog is full of love :)
    biggest fan of gulzar
    keep writing!



    aniket

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  21. @aniket ...yes, right now i m in love with mirzya :)

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  22. accha hai mam :) :)





    aniket

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  23. बहुत खूबसूरत रचना, आभार

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  24. लफ्ज़ लफ्ज़ बेहतरीन ।

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  25. बहुत सुंदर रचना ...और लाजवाब बोलती तस्वीर ..

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  26. Hi there! This post could not be written much better! Reading through this article reminds me of my previous roommate!
    He always kept talking about this. I will forward this article to him.
    Fairly certain he will have a great read.
    Thank you for sharing!

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