Friday, June 24, 2011

कर दो..


ख़ामोशी भी दो पल जी ले
बात कोई आहिस्ता कर दो !
कोई रहे न मुझ सा तन्हा
तन्हाई को शीशा कर दो !
दो बातें तेरी और मेरी
शायद कुछ ऐसा बुन जाये
पहन जिसे नया रंग चढ़े फिर
खत्म पुराना किस्सा कर दो !
रात पहेली सी लगती है
आँखों में बरबस जगती है
इस से पहले चाँद छिपे फिर
दिल का एक कोरा हिस्सा कर दो !
मेहंदी के कुछ ज़ख्म हरे हैं
फिर भी दोनों हाथ भरे हैं
ऐसे भी एक उम्र कटे तो
जिंदगी से मेरा रिश्ता कर दो !

43 comments:

  1. यही आशा सबकी मनों में पिरो दो।

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  2. मेहंदी के कुछ ज़ख्म हरे हैं
    फिर भी दोनों हाथ भरे हैं
    ऐसे भी एक उम्र कटे तो
    जिंदगी से मेरा रिश्ता कर दो !

    बहुत सुन्दर रचना ...

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  3. wooww ..bautiful nd .heart touching :)

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  4. pyar ke rishto me tum bhi aao apna aanchal bhar lo..

    purane kisso ko bhulo aur nayi koi kahani ghad do...

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  5. "ख़ामोशी भी दो पल जी ले
    बात कोई आहिस्ता कर दो !
    कोई रहे न मुझ सा तन्हा
    तन्हाई को शीशा कर दो!"


    वाह वाह - वाह वाह - लाजवाब

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  6. वाह !
    तन्हाई को शीशा कर दो
    ख़त्म पुराना किस्सा कर दो

    क्या बात है ...

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  7. रात पहेली सी लगती है
    आँखों में बरबस जगती है
    इस से पहले चाँद छिपे फिर
    दिल का एक कोरा हिस्सा कर दो

    बहुत अच्छी लगीं आपकी ये पंक्तियाँ
    ------------------------------------------------
    कल 28/06/2011को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है-
    आपके विचारों का स्वागत है .
    धन्यवाद
    नयी-पुरानी हलचल

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  8. बहुत ही खुबसूरत........दिल को छू लेने वाली पोस्ट......खासकर 'मेहंदी के कुछ ज़ख्म.......बहुत खूब.....लाजवाब|

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  9. दिल का एक हिस्सा कोरा कर दो.............सुन्दर अभिव्यक्ति....!!

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  10. जिंदगी से मेरा रिश्ता कर दो ...
    यह आशा बनी रहे ...

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  11. sunder

    tanhaai ko sheesha kar do ...nice

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  12. बहुत ही खूबसूरत पारुल जी........एक तराशी हुई नज़्म शुरू से आखिर तक उम्दा......वाह....शानदार

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  13. तन्हाई को शीशा कर दो।
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।

    जीवन की सच्चाई।

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  14. मेहंदी के कुछ ज़ख्म हरे हैं
    फिर भी दोनों हाथ भरे हैं
    ऐसे भी एक उम्र कटे तो
    जिंदगी से मेरा रिश्ता कर दो !bahut hi badiyaa.gaharai liye hue bahut hi achchi rachanaa.badhaai.



    please visit my blog.thanks.

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  15. बहुत सुन्दर रचना।

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  16. तन्हाई को शीशा कर दो
    ख़त्म पुराना किस्सा कर दो

    वाह ... बहुत ही अच्‍छी शब्‍द रचना ।

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  17. आप के बलांग में पहली बार आई बहुत अच्छा लगा.
    .रात पहेली सी लगती है
    आँखों में बरबस जगती है
    इस से पहले चाँद छिपे फिर
    दिल का एक कोरा हिस्सा कर दो ....
    आप की अभिव्यक्ति कुछ अलग सी है ..बहुत अच्छा लगा...
    मेरे ब्लांग में भी आप का स्वागत है....

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  18. ‘ख़ामोशी भी दो पल जी लें बात कोई आहिस्ता कर दो!’

    बहुत ही सुन्दर रचना...क्या शालीन इल्तिजा

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  19. बहुत सुन्दर रचना ||

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  20. menhadi ke kuchh jakham hare hai
    fir bhi dono hath bhare hai...bahut sunder...

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  21. जिंदगी से मेरा रिश्ता कर दो...
    बहुत खूब...

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  22. बहुत ही कोमल भाव संजोये शसक्त रचना
    मेहंदी के कुछ ज़ख्म हरे हैं
    फिर भी दोनों हाथ भरे हैं
    ऐसे भी एक उम्र कटे तो
    जिंदगी से मेरा रिश्ता कर दो !..
    शुभकामनायें.....

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  23. सुन्दर रचना पारुल!!! वाह!!

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  24. मेहंदी के कुछ ज़ख्म हरे हैं
    फिर भी दोनों हाथ भरे हैं
    ऐसे भी एक उम्र कटे तो
    जिंदगी से मेरा रिश्ता कर दो !

    जिन्दगी से रिश्ता तलाशती बहुत खूबसूरत रचना

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  25. इस से पहले चाँद छिपे फिर
    दिल का एक कोरा हिस्सा कर दो !
    .
    .
    मन को छू लेने वाली पंक्तियाँ........
    आप को बहुत बहुत धन्यवाद....!!!

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  26. waah.. bahut badhiya Parul.. bahut badhiya....

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  27. जिंदगी से मेरा रिश्ता कर दो ...
    आशाएं फूलती फलती रहे ...

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  28. bahut sunder.. shabdon ki jaadugari.. :)

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  29. एक अद्भुत ,लाजवाब कविता /नज्म पारुल जी आपको बहुत बहुत बधाई और ढेरों शुभकामनायें |

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  30. Hi Parul,

    I have passed on an award to you :) Details are here

    http://kraftaria.blogspot.com/2011/07/its-award-time.html

    love Sarika

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  31. पारुल जी,
    नमस्कार,
    आपके ब्लॉग को "सिटी जलालाबाद डाट ब्लॉगपोस्ट डाट काम"के "हिंदी ब्लॉग लिस्ट पेज" पर लिंक किया जा रहा है|

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  32. Everything is very open and very clear explanation of topic. It contains truly information

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  33. IT's great stuff. I enjoyed to read this blog.

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  34. It's great stuff. it's heart touching lines.

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  35. aage bhi aapke sujhavon ka swaagat hai mere blog par...
    www.kumarkashish.blogspot.com

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  36. aage bhi aapke sujhavon ka swaagat hai mere blog par...
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  37. tanha si jindgi jiye ja rha hoon,
    jakhmo ko apne piye ja rha hoon.
    vish hai ya amrit malum nahi,
    bas nam leke unka jiye ja rah hoo..................................palko pe na aye ye kha tha kisi ne band ankho me ansu liye ja rha hoon...............

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