तू न जाने
मैं न जानू
है हम सभी अनजाने
कौन यहाँ पूछे जिंदगी को
कौन यहाँ पहचाने!!
सिगरेट में सुलगते हर एहसास को
दिल में चुभते हर 'काश' को
लेकर चले है आखिर वहीँ क्यों
जहाँ छलकते है पैमाने
कौन यहाँ पूछे जिंदगी को
कौन भला पहचाने!!
क्या हासिल कर लिया
ख्वाहिशों के पीछे भागकर
और क्या मिला है किसी को
रात भर किताबों में जागकर
मजबूर होकर आखिर ढूँढने पड़ते है
बंद आँखों से सपनो के ठिकाने
कौन यहाँ पूछे जिंदगी को
कौन भला पहचाने!!
बस एक अलग सी सोच से
कर पाओगे खुद को सबसे अलग
खुद को यूँ ही सब में पाओगे
और खुद में पाओगे 'सब'
आ पहले मन की छलनी से
खुद की जिंदगी को छाने
कौन यहाँ पूछे जिंदगी को
कौन भला पहचाने!!
खुद को लेकर है क्यों इतना तंग
बदला है क्यों तेरे सपनों का रंग
तुझे कैसे जीना है खुद तुझ पे है
न औरों की खातिर बदल अपने ढंग
न खिंच हद की कोई लकीर
हो जाने दे सपने सयाने
कौन यहाँ पूछे जिंदगी को
कौन भला पहचाने!!
हम जिंदगी के है बाशिंदे
नहीं किसी फलक के फकीर
हम अपने मन के परिंदे
सोचेंगें फिर कोई तस्वीर
हासिल करके हम जिद की चाबी
लूतेंगें दिल के खजाने ......
मैं न जानू
है हम सभी अनजाने
कौन यहाँ पूछे जिंदगी को
कौन यहाँ पहचाने!!
सिगरेट में सुलगते हर एहसास को
दिल में चुभते हर 'काश' को
लेकर चले है आखिर वहीँ क्यों
जहाँ छलकते है पैमाने
कौन यहाँ पूछे जिंदगी को
कौन भला पहचाने!!
क्या हासिल कर लिया
ख्वाहिशों के पीछे भागकर
और क्या मिला है किसी को
रात भर किताबों में जागकर
मजबूर होकर आखिर ढूँढने पड़ते है
बंद आँखों से सपनो के ठिकाने
कौन यहाँ पूछे जिंदगी को
कौन भला पहचाने!!
बस एक अलग सी सोच से
कर पाओगे खुद को सबसे अलग
खुद को यूँ ही सब में पाओगे
और खुद में पाओगे 'सब'
आ पहले मन की छलनी से
खुद की जिंदगी को छाने
कौन यहाँ पूछे जिंदगी को
कौन भला पहचाने!!
खुद को लेकर है क्यों इतना तंग
बदला है क्यों तेरे सपनों का रंग
तुझे कैसे जीना है खुद तुझ पे है
न औरों की खातिर बदल अपने ढंग
न खिंच हद की कोई लकीर
हो जाने दे सपने सयाने
कौन यहाँ पूछे जिंदगी को
कौन भला पहचाने!!
हम जिंदगी के है बाशिंदे
नहीं किसी फलक के फकीर
हम अपने मन के परिंदे
सोचेंगें फिर कोई तस्वीर
हासिल करके हम जिद की चाबी
लूतेंगें दिल के खजाने ......
bahut sunder aakharee panktee sudhar leejiyega .
ReplyDeletebahut umda kavitayen hain, halanki main jyada kavitayen nahin padhta lekin aapki kavitayen padhkar aanand aa gaya.
ReplyDeletedhanyavad
nilabh
http://dharmsansar.blogspot.com
http://ithindi.blogspot.com
"सिगरेट में सुलगते हर एहसास को
ReplyDeleteदिल में चुभते हर 'काश' को
लेकर चले है आखिर वहीँ क्यों
जहाँ छलकते है पैमाने " ... liked these lines