Wednesday, February 13, 2013

हस्ताक्षर !!

चाहिए तुम्हारे हस्ताक्षर
दिल के दस्तावेज पे
तुम ही तुम चस्पा हो
इश्क के हर पेज पे !
कुछ अधूरे से ख़त
जिनको है तुम्हारी लत
आ खड़े हैं अब
मरने की स्टेज पे !
ख्यालों के कुछ झुनझुने
अब भी है तुमसे सने
कुछ नहीं बदला है अब भी
खेल के इस फेज पे !
तन्हाई अब भी है कहीं मिस
जिंदगी भर रही है फीस
टुकड़ों में बिखरा पड़ा हूँ
ख़्वाबों की सेज पे !

19 comments:

  1. एक कोकिला से दूसरी कोकिला तक - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. आपकी पोस्ट 14 - 02- 2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें ।

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  3. बहुत बढ़िया लाजबाब अभिव्यक्ति,,,

    RECENT POST... नवगीत,

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  4. चाहिए तुम्हारे हस्ताक्षर
    दिल के दस्तावेज पे
    तुम ही तुम चस्पा हो
    इश्क के हर पेज पे !

    वाह ! वाऽह ! वाऽऽह !
    बहुत ख़ूबसूरत !
    आदरणीया पारुल जी !

    अंग्रेजी शब्दों की काफियाबंदी बहुत ख़ूब लग रही है ...

    सुंदर रचना के लिए बधाई !

    बसंत पंचमी एवं
    आने वाले सभी उत्सवों-मंगलदिवसों के लिए
    हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
    राजेन्द्र स्वर्णकार

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  5. बहुत बहुत खुबसूरत........ब्लॉग का नया स्वरुप भी अच्छा है ।

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  6. चाहिए तुम्हारे हस्ताक्षर
    दिल के दस्तावेज पे
    तुम ही तुम चस्पा हो
    इश्क के हर पेज पे !
    बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें

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  7. बड़े ही कोमल भाव, सुन्दर प्रस्तुति..

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  8. Komalta se sanjoye bhavon ki abhiwaykti-BADHAIE

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  9. लाजवाब खूब सुन्दर
    चाहिए तुम्हारे हस्ताक्षर
    दिल के दस्तावेज पे
    तुम ही तुम चस्पा हो
    इश्क के हर पेज पे
    मेरी नई रचना
    फरियाद
    एक स्वतंत्र स्त्री बनने मैं इतनी देर क्यूँ
    दिनेश पारीक

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  10. बहुत अलग सी रचना

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  11. चाहिए तुम्हारे हस्ताक्षर
    दिल के दस्तावेज पे ... खूबसूरत !

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  12. तुम ही तुम बस तुम ही तुम ...
    जब हर कहीं वो ही हैं ... तो उनके हस्ताक्षर की इंतज़ार क्यों ... बहुत खूबसूरत ख्याल से जोड़ी है रचना ...

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  13. टुकड़ों में बिखरा पड़ा हूँ
    ख़्वाबों की सेज पे !

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  14. दिलचस्प भी... दिलफरेब भी....

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