When emotions overflow... some rhythmic sound echo the mind... and an urge rises to give wings to my rhythm.. a poem is born, my rhythm of words...
Thursday, September 3, 2009
१००वीं रचना ..."धार"
जिंदगी जब भी बनकर दिल की कलम चलती है
ऐसा लगता है जैसे एहसास से गुजरकर हवा नम चलती है
बिखर जाते है उस बयार में कोरे पन्ने
आसूँओ से भरकर एक नई नज़्म चलती है ॥
थक जाती है उस एहसास तक जाते जाते
खाली हो जाते है जैसे जिंदगी के खाते
और वक्त के साथ उस अधूरे से हिसाब में
ये नज़्म,सोच पर बनकर सितम चलती है ॥
क्या तो छोड़ दे ये दिल और क्या बाँटें ?
लफ्ज़ चुभते है जैसे दिल में बनकर कांटें
तेज़ हो जाती है जब सोच वक्त की धार पर
ख़ुद पे ज्यादा और औरों पर कम चलती है ॥
दर्द को मिलती है जिसमें वाह-वाही
कभी लहू के रंग में रंग जाती है स्याही
दिख जाता है ऐसे ही किसी दिल का ज़ख्म
और किसी के लिए ये बनकर मरहम चलती है ॥
आप लोगो से मिले प्यार और आर्शीवाद के लिए मैं आभारी हूँ !!
पारुल.... :)
आपकी कवितायें हमेशा एहसास और भावनाओं से ओत प्रोत होती हैं....100 पोस्ट पूरी होने पर बधाई
ReplyDeleteसबसे पहले तो शतकीय पोस्ट की ढेरों बधाई...
ReplyDeleteआपके सभी रचनाओं में कोमल भावों की जो सुन्दर अभिव्यक्ति हुआ करती है,वह पाठक मन में गहरे उतरने में सफल रहा करती है...
ऐसे ही लिखती रहें....सतत सुन्दर लेखन हेतु शुभकामनाये...
ईश्वर करे हमें जल्दी ही आपकी एक हजारवीं कविता पढने को मिले।
ReplyDelete( Treasurer-S. T. )
100वी पोस्ट -- शतकीय पारी की बहुत बहुत बधाई.
ReplyDeleteयह सेंचुरी की रचना भी धमाकेदार --
"ऐसा लगता है जैसे एहसास से गुजरकर हवा नम चलती है"
एहसास ही है जो श्वासो को ताजगी देती है
बहुत सुन्दर
बधाई...............दिल से निकली भावनाओ की धार है ......बहुत खुब
ReplyDeleteगजब कर दिया आपने अपनी शतकीय कविता में. क्या खूब लिखा है आपने. सोच रहा हूँ की आपको किस-किस चीज की बधाई दूँ. शतक लगाने की या इतनी सुन्दर कविता लिखने की. पुनः बधाई. शायद मैंने आपको पहले भी बधाई दी थी. उसमे भी 2 चीज की बधाई दी थी. एक तो आप जो अपने मन के भावः को इतने सुन्दर शब्दों में पिरो कर कविता लिख देती हो उस लिए और दूसरी इसलिए की आप जो फोटो लगाती हो वो आपकी कविता को जैसे जुबान दे देती है. फर्क मात्र इतना है की मैं ऐसे ही शब्दों से गुफ्तगू करता हूँ और आप कविता लिख देती है. आपका भी स्वागत है. www.gooftgu.blogspot.com
ReplyDeleteतेज़ हो जाती है जब सोच वक्त की धार पर
ReplyDeleteख़ुद पे ज्यादा और औरों पर कम चलती है ॥
Good one.
तेज़ हो जाती है जब सोच वक्त की धार पर
ReplyDeleteख़ुद पे ज्यादा और औरों पर कम चलती है ॥
बहुत सुन्दर!
बधाई!
100वी पोस्ट की बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteक्या कहूँ इस रचना के बारे मे, लाजवाब........
ReplyDelete100 पोस्ट पूरी होने पर बधाई
aap sabhi ka aabhar !!
ReplyDeleteयह आपकी 100 वी पोस्ट है या 100 वी कविता ? यदि दोनो है तो बधाई । हाँ कविता के लिये और परिश्रम करना होगा ।
ReplyDeleteशतक की बधा..अभी तो कई कई शतक लगाने है..है न!!
ReplyDeleteParul ji,
ReplyDelete100...post pooree hone kee hardik badhai.
Hemant Kumar
मैं तो फैन हूं आपके ब्लॉग का...सचमुच। यकीन नहीं आता तो खुद देख लें।
ReplyDeletehttp://kulwant84.blog.co.in/2009/08/19/rhythm-of-word/
thanx kulwant ji...i have seen yr link...thanx a lot
ReplyDeleteaur aap sabhi ka bhi hardik aabhar!! :)
ReplyDeleteबधाई रचना सुन्दर बन पड़ी है
ReplyDeleteyou have written the emotions in so beautiful words... believe me it just makes me speechless to say how b'ful it has depicted the emotions and feelings... congrats for completing 100 such nice poems... best wishes
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