When emotions overflow... some rhythmic sound echo the mind... and an urge rises to give wings to my rhythm.. a poem is born, my rhythm of words...
Friday, February 27, 2009
एक कहानी..
मैंने दर्द की एक कहानी लिखी है
जहाँ जिंदगी पानी पानी लिखी है ॥
आँसुओं से तरी
समन्दर से खरी
लफ्ज़ गमगीन है
पर नमकीन है
वहां सपनो की मिठास फीकी सी दिखी है
हाँ मैंने वहीं ये कहानी लिखी है ॥
न है कोई परी
न है जादूगरी
सिसकती है उम्मीद
जहाँ डरी डरी
वहां खामोशी भी आह में भीगी है
हाँ मैंने वहीं ये कहानी लिखी है ॥
गीली गीली सी है रुत
है जहाँ दिल एक बुत
हर लम्हा तडपता सा
ख़ुद में है धुत
जहाँ तन्हाई ख़ुद को देख चीखी है
हाँ मैंने वहीं ये कहानी लिखी है॥
पिघले एहसास है
बुझती सी आस है
कतरे कतरे से
सुलग रही प्यास है
रंग मिटटी के है,न आसमानी सरीखी है
हाँ मैंने ऐसी ही कहानी लिखी है
वहां खामोशी भी आह में भीगी है
ReplyDeleteहाँ मैंने वहीं ये कहानी लिखी है ॥
गीली गीली सी है रुत
है जहाँ दिल एक बुत
हर लम्हा तडपता सा
ख़ुद में है धुत
वाह !वाह! बहुत सुन्दर लिखा है।
आप की कहानी अच्छी लगी
ReplyDeleteलिखते रहिये और किसी की कहानी में रंग भी भरिये
लतिकेश
मुंबई
गीली मिट्टी पर लिखी गयी आपकी कहानी में नमी बहुत है जो बहुत ही तीब्रता से संप्रेषित होती है . सुन्दर कविता !!
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है आपने-
ReplyDeleteन है कोई परी
न है जादूगरी
सिसकती है उम्मीद
जहाँ डरी डरी
सुन्दर भाव लगे इस कविता के बढ़िया लिखा है आपने
ReplyDeleteशांत कविता के लिए बधाई।
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है, काश में भी आपकी तरह इतना सुंदर लिख पाता।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर नज़्म है!
ReplyDelete---
गुलाबी कोंपलें
nice words
ReplyDeleteभावनाओं को इतने खूबसूरत तरीके से काव्य में अभिव्यक्त होते कम ही देखा है।
ReplyDeleteWaah ! waah ! Waah !
ReplyDeleteShabd bhaav shilp pravaah..sab adwiteey...
Aanand aa gaya padhkar..Aabhaar is sundar kavita ko padhane ke liye.
बहुत सुंदर लिखती हैं आप ... हमेशा की तरह यह भी अच्छा लगा।
ReplyDeleteBohot accha likha hai ......
ReplyDeleteKeep up the good work!!!
बहुत सुंदर, हम तो डूब गए आपकी कविता में।
ReplyDeleteबढ़िया कहानी (कविता) लिखी है आपने
ReplyDeleteपीड़ा की ललकार, कहानी कह जाती है,
ReplyDeleteटूटी सी पतवार, निशानी रह जाती है।
आँखों में सागर है, ठहरा खारा जल है,
दरिया की मानिन्द, जवानी बह जाती है।।
बहुत ही खूबसूरत लिखा है आपने
ReplyDeleteThis is so touching. Fabulous writing!
ReplyDeleteन है कोई परी
ReplyDeleteन है जादूगरी
सिसकती है उम्मीद
जहाँ डरी डरी
वहां खामोशी भी आह में भीगी है
हाँ मैंने वहीं ये कहानी लिखी है.
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति.
सारी कविता बहुत पसन्द आई.
गेयता की दृष्टि से भी रचना उत्तम बन पड़ी है
बधाई
dwijendradwij.blogspot.com
अच्छी कविता ...सुन्दर अभिव्यक्ति .
ReplyDeleteपूनम