साँसों से छनकर
तेरी खुशबू जाने कैसे बन गई है जिंदगी ?
चाहत है अब तो बनके महक
छा जाऊँ मैं भी तुम पर कभी !!
किरणों की तरह देखूं तुम्हे
मैं भी बादलों की ओट से
निकले मेरे भी दिल से मीठी सी आह
ओस की बूंदों की चोट से
आसमां में मन का परिंदा
ओढ़ आए चाँद की चांदनी !!
देख कर ख़्वाबों की उमंग
रात न रह जाए ढीली सी
हो जाए मेरे सपनों के जैसे
वो भी जरा नीली सी
साथ मिलकर फिर हम चुरा ले
एक् नई सुबह की रोशनी !!
हो कोई खिलखिलाती हसरत तितली सी
जो हो बस तेरी खुशबू पर फिसली सी
और कोई फूल
प्यार का शायद खिल जाए
कह जाए एक दिल दूजे दिल से बात अपनी .....
Parulji,
ReplyDeleteBahut hi emotional,romantik kavita hai.Achchhe evam kam shabdon men bahut kuchh kah diya gaya hai .Hardik Badhai.
Hemant Kumar
bahut hi acchi lagi....
ReplyDeleteसाथ मिलकर फिर हम चुरा ले
एक् नई सुबह की रोशनी !!
हो कोई खिलखिलाती हसरत तितली सी
जो हो बस तेरी खुशबू पर फिसली सी
और कोई फूल प्यार का शायद खिल जाए
कह जाए एक दिल दूजे दिल से बात अपनी .....
goya ki ye to meri hi baat thi...!!
बेहद खूब
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