Saturday, December 20, 2008

तू!!


यूं तो हर ख्वाब की उम्र बस एक रात है
पर जिस ख्वाब में हो तुम,उसकी कुछ और बात है !!
लहर उठी है उमंग की,सोच तेरे संग की
एक लम्हा भर है या जिंदगी से पहली मुलाकात है !!
कोई खामोशी मेरी सी गया,मैं हर लफ्ज़ जी गया
मेरे दिल की कलम बन रहे मेरे जज्बात है !!
है मेरे रु-ब-रु कहीं,दिल के आईने में तू कहीं
देखता हू ख़ुद को तो पाता हू तू भी मेरे साथ है!!
जादू सी ये तेरी दिलकशी,गूंजती है जब तेरी हँसी
लगता है जैसे एक नए ख्वाब की शुरुआत है !!
धीरे धीरे चल रही हर साँस बनकर "आह" सी
संभल गया हू तब से,जब से दिल पे रखा तुमने हाथ है ..!!

8 comments:

  1. यूं तो हर ख्वाब की उम्र बस एक रात है
    पर जिस ख्वाब में हो तुम,उसकी कुछ और बात है !!



    बहुत ही गहरी बात लिख डाली पारूल जी बधाई हो आपको अच्‍छी रचना

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  2. 'यूं तो हर ख्वाब की उम्र बस एक रात है
    पर जिस ख्वाब में हो तुम,उसकी कुछ और बात है !!'

    सच है जब 'तू भी मेरे साथ है!!' तो जिंदगी की डगर और आसान हो जाती है, जिन्दगी खुशनुमा हो जाती है.

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  3. किसी एक पंक्ति के विषय में क्या कहूँ, पूरी कविता ख़ूबसूरत है!

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  4. यूं तो हर ख्वाब की उम्र बस एक रात है
    पर जिस ख्वाब में हो तुम,उसकी कुछ और बात है !!

    लाजवाब, उम्दा, खूबसूरत शेर...........
    और कुछ क्या कहूं

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  5. लाजवाब, उम्दा, खूबसूरत शेर...........
    और कुछ क्या कहूं

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  6. Parulji,
    Idhar kee likhi hui apkee lagbhag saree kavitayen maine aj hee padhee.Kafee improv kiya hai apne apnee rachnaon ko.Hardik shubhkamnayen evam badhai.Blog par se word varification hata den to achchha rahega.
    Hemant Kumar

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  7. Parul ji,
    Comments ke liye thanks.
    Blog par se word varification hatane ke liye pahle Dash Board par jaiye....fir Settings par...fir Comments/Tippaniyan par....isi men neeche ek column hai ..tippaniyon par word varification/shabd pushteekaran dikhayen..To ap ismen Yes kee jagah No kar den.aur ise save kar den.Yadi aur koi jankaree chahiye to mere E.mail par poochh liya karen.
    Hemant

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