Saturday, January 10, 2009

ज़ज्बा..!!


तेरी खामोशी को
आवाज देने की खातिर
मैंने कुछ लफ्ज़ चुने है
जिंदगी की किताब से !!
तेरी कर गुजरने की हद को
समझने के लिए
कुछ लम्हे चुराए है तुम्हारे ख्वाब से !!
मैं बुझाना चाहता हू
तुम्हारे सवालों की प्यास
अपने तलाश किए हुए कुछ जवाब से !!
कब तक जियोगे जिंदगी को
वक्त की शर्तों पर
अच्छा हो,गर वक्त चले तुम्हारे हिसाब से !!
ये जिंदगी हो ख़ुद तुम्हारी मुरीद
लेकर चलो ऐसी ही उम्मीद अपने आप से....!!

17 comments:

  1. kab tak jiyenge jindgi ko vakt ki sharton par--kyaa khUb likha hai bhaavmay hai

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  2. बेहतरीन भावों और अल्फ़ाज़ों का मिश्रण है जी आपकी यह कविता. लिखते रहिएगा.

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  3. वाह!! आनन्द आ गया........आपकी यह कविता. लिखते रहिएगा....

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  4. अच्छी भाव और सुंदर शब्दों का जाल बुना है आपने,
    कविता पढ़ कर बहुत अच्छा लगा

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  5. कब तक जियोगे जिंदगी को
    वक्त की शर्तों पर
    अच्छा हो,गर वक्त चले तुम्हारे हिसाब से !!
    ये जिंदगी हो ख़ुद तुम्हारी मुरीद
    लेकर चलो ऐसी ही उम्मीद अपने आप से....!! बहुत अच्छी कविता है।

    मिल जाए साथ अच्छा तो जिंदगी का सुहाना सफर लगे
    वरना फूल भी कांटों की चुभन रखते हंै।

    www.merichopal.blogspot.com

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  6. कब तक जियोगे जिंदगी को
    वक्त की शर्तों पर
    अच्छा हो,गर वक्त चले तुम्हारे हिसाब से !!
    ये जिंदगी हो ख़ुद तुम्हारी मुरीद
    लेकर चलो ऐसी ही उम्मीद अपने आप से....!!

    Bhut khoob likha hai aapne, sunder ati sunder

    Prashant dubey, Bhaopl
    prashantd1977@gmail.com
    atmadarpan.blogspot.com

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  7. सुन्दर भावों को सिरजती है आपकी यह कविता.

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  8. वक्त की शर्तों पर जीनेकी मजबूरी जो है. वो तो पहलवान है. आपकी कविता सुंदर है. अच्छी लगी.

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  9. Parul,
    Bahut hee sundar aur utsahpoorna kavita hai.Badhai.
    Poonam

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  10. Parul ji,
    Kab tak jiyoge jindagee ko
    vakt kee sharton par
    Achchha ho gar vakt chale tumhare hisab se....
    Bahut hee bhavpoorna hone ke sath ye linen bahut achchha sandesh bhee de rahee hain.jeevan ke prati ek positive thinking ka..Achchhee kavita ke liye badhai.
    Hemant Kumar

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  11. ये जिंदगी हो ख़ुद तुम्हारी मुरीद
    लेकर चलो ऐसी ही उम्मीद अपने आप से....!!

    ठीक ऐसा ही शायारने कहा है -
    खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तदबीर से पहले
    खुदा बन्दे से ये पूछे बता तेरी राजा क्या है .

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